जो तुम आ जाते एक बार
Posted On February 28, 2021
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जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करुणा कितने सँदेश,
पथ में बिछ जाते बन पराग,
गाता प्राणों का तार–तार
अनुराग–भरा उन्माद–राग;
आँसू लेते वे पद पखार !
जो तुम आ जाते एक बार !
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
घुल जाता ओठों से विषाद,
छा जाता जीवन में वसंत
लुट जाता चिर–संचित विराग;
आँखें देतीं सर्वस्व वार |
जो तुम आ जाते एक बार !
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