सौंदर्य दीप्ति से आलोकित युग चेतनता के संवाहक संस्कृति के जागरुक प्रहरी तुम पूत मनुजता के गायक छन्दों में उर की पीड़ा का बाँधा था कोमल स्पंदन अपने म्रदु मेघ मन्द्र स्वर से सरसाया कविता का कानन साहित्य जगत के […]
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