सुनो कन्हैया
Posted On July 24, 2021
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सुनो कन्हैया
रैना कहे
चाँद से
रख लूँ तोहे
बाँध के
तोहरे बिन ना
सुमन खिले
ना पवन बहे
मुई विरह निगोरी
कौन सहे
आओ पियारे कृष्ण कन्हाई
माघ मास प्रीति सरसत है
सरस बूँद यों छुटत फुहारें
मानों पावस ऋतु बरसत है
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