आयो रे सखी री फाग
Posted On May 12, 2021
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आयो रे सखी री फाग
मोहन की सुरंग मनोहर पाग
मोरे चित्त भयो अनुराग
परे जा कुँआ मा निगोरी लाज
मिलन को आओ कान्हा
मोहे श्यामल रंग गई प्रीत
मैं गाऊँ कृष्ण मिलन के गीत
ना मानूँ बैरी जगत की रीत
हुई मैं कृष्ण मोह में ढीठ
लगा हिय प्रेम निशाना
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