बारिश और मैं
Posted On March 1, 2021
0
3.9K Views
आज इन बूँदों को पकड़ लम्बी सी रस्सी बना ,
बादलों मे गुदगुदी कर आती हूँ !
वही बैठ चाय की चुस्की भी ले आती हूँ!
अकेले ही सही ,
कुछ तो वक़्त कटेगा !
सिर्फ़ बारिश बादल और मैं!
जाने दो ना
आसमाँ के स्याह होने से पहले लौट आऊँगी !
अच्छी बच्ची सी !
तारो के निकलने से पहले,
चौखट पर आ जाऊँगी !
पर सच, आज मनमानी करने दो ना !
Trending Now
Aabhaas Edition 2
March 19, 2024
Aabhaas Edition 3
August 1, 2024